हर साल की तरह इस साल भी गांव में दादा जोहड़ वाले के मन्दिर पर विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया। दादा जोहड़ वाला सेवा समिति के सदस्यों ने पूरे गांव में चंदा इकट्ठा कर भण्डारे का आयोजन करवाया।
भण्डारे से पहली रात को जागरण का प्रोग्राम करवाया गया था। इस बार मन्दिर में छोटे स्तर पर मेला भी लगाया गया था।हालांकि ये शुरूआत है अब धीरे धीरे ये मेला विशाल स्तर पर आयोजित किया जाएगा। भण्डारे में गांव वालों और आसपास के गांवों से आए लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। गांव वालों ने बढ चढ कर भण्डारे में सेवा की। मेले की शुरूआत अपने आप में एक सराहनीय कदम है। इससे गांव में बाहर से आने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होगा। और दादा जोहड़ वाले की ख्याति और दूर दूर तक फैलेगी। हमेशा से लोगों की श्रद्धा का केन्द्र रहा दादा जोहड़ वाला मन्दिर अपने आप में एक अद्भुत इतिहास समेटे हुए है। यहां इस जोहड़ को मिले वरदान के अनुसार अगर किसी को सांप काट ले और वो इस जोहड़ मे नहा ले तो सांप के जहर का असर खत्म हो जाता है।
Saturday, June 18, 2016
दादा जोहड़ वाले मन्दिर पर विशाल भण्डारा
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